नई दिल्ली। नागरिक-केंद्रित शासन को मजबूत करने के लिए, आज प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) और सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) द्वारा श्रम और रोजगार मंत्रालय और ग्राम स्तरीय उद्यमियों के सहयोग से सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर प्राप्त ईपीएफओ से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए एक लाइव सत्र आयोजित किया गया।
इस सत्र में डीएआरपीजी के सचिव वी. श्रीनिवास, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त रमेश कृष्णमूर्ति, श्रम और रोजगार मंत्रालय के संयुक्त सचिव आलोक मिश्रा और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के एमडी और सीईओ संजय कुमार राकेश सहित प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। देश भर के ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) ने भी इस लाइव सत्र में भाग लिया।
सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के एमडी और सीईओ संजय कुमार राकेश ने लोगो के शिकायत निवारण प्रदान करने में सीएससी की भूमिका पर प्रकाश डाला। डीएआरपीजी के सचिव वी. श्रीनिवास ने वर्ष 2025 में सीएससी के माध्यम से प्राप्त ईपीएफओ से संबंधित शिकायत प्रवृत्तियों पर एक व्यावहारिक प्रस्तुति दी, जिसमें शिकायत निवारण सेवाओं के निवारण को सक्षम करने में सीएससी वीएलई की भूमिका पर जोर दिया गया। उन्होंने सीपीजीआरएएमएस प्लेटफॉर्म के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया।
केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त रमेश कृष्णमूर्ति ने ईपीएफओ सेवाओं जैसे कि पीएफ निकासी की सरलीकृत प्रक्रिया, उमंग के माध्यम से यूएएन बनाना और खाता स्थानांतरण में हाल के सुधारों की रूपरेखा प्रस्तुत की।
सत्र का समापन महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारियों और वीएलई के बीच एक संवादात्मक सत्र के साथ हुआ, जिसमें नागरिकों की समस्याओं को समझा गया और क्षेत्र-स्तरीय सुझाव एकत्र किए गए।
यह पहल माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शिकायत निवारण प्रणालियों को सभी नागरिकों के लिए अधिक संवेदनशील, सुलभ और सार्थक बनाने के लिए दिए गए व्यापक अधिदेश का हिस्सा है। सरकार सीपीजीआरएएमएस और सीएससी जैसी पहलों के माध्यम से समावेशी ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना जारी रखती है, जिससे उत्तरदायी और जवाबदेह प्रशासन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता मजबूत होती है।
