अर्दोआन और पीएम मोदी में क्यों देखी जाती है समानता, कहाँ जाएगा तुर्की-भारत का तनाव?

तुर्की में सशस्त्र अलगाववादी आंदोलन चला रही कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी यानी पीकेके ने ख़ुद को भंग कर लिया. अर्दोआन के क़रीब जा रहे सीरिया से ट्रंप ने प्रतिबंध हटा लिया.

तुर्की में ही यूक्रेन और रूस के बीच शांति वार्ता हुई है. नए पोप ने जल्द ही तुर्की दौरे की घोषणा की है. तुर्की समर्थित लीबियाई प्रधानमंत्री ने सत्ता पर पकड़ मज़बूत बना ली है. वहीं पाकिस्तान ने भारत के ख़िलाफ़ मदद के लिए अर्दोआन को शुक्रिया कहा है.

दूसरी तरफ़ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए पिछले दो हफ़्ते चुनौती भरे रहे हैं. 22 अप्रैल को पहलगाम में हमले के बाद भारत ने छह और सात मई की दरमियानी रात पाकिस्तान में सैन्य कार्रवाई की थी और उसके बाद दोनों देशों में वार-पलटवार होते रहे. जब युद्धविराम की घोषणा हुई तो इसका श्रेय अमेरिका ने लिया और ऐसा संदेश गया कि भारत को अमेरिका निर्देशित कर रहा है.

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