हर गांव में स्थापित होंगे ‘गांव किसान विकास शोध केंद्र’, कृषक होंगे आत्मनिर्भर – प्रवीण पाण्डेय

  • बुंदेलखंड की धरती पर जैविक क्रांति का हुआ शंखनाद, जहर मुक्त खेती पर हुआ चिंतन 

फतेहपुर। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति एवं नेटसर्फ डायरेक्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक विशेष बैठक में ‘मिशन – बुंदेलखंड जैविक खेती जहर मुक्त अभियान’ को जनआंदोलन का स्वर प्रदान करने का संकल्प लिया गया। यह बैठक खागा में संपन्न हुई। इस बैठक में उत्तर भारत के चेयरमैन एवं ओसीएम डी.एस. राजावत ने अभियान की संरचना एवं क्रियान्वयन की दिशा में मार्गदर्शन किया।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय ने घोषणा किया कि अब बुंदेलखंड के प्रत्येक गांव में ‘गांव किसान विकास शोध केंद्र’ की स्थापना की जाएगी जो न केवल जैविक खेती, देशज बीज, प्राकृतिक खाद एवं जल संरक्षण को बढ़ावा देंगे, अपितु नवाचार आधारित प्रशिक्षण केंद्र के रूप में ग्रामीण कृषकों के आत्मनिर्भर भविष्य का आधार बनेंगे।

इस दौरान श्री पाण्डेय ने कृषि के क्षेत्र में होगा नवजागरण, युवाओं को मिलेगा स्वरोजगार की बात कहते हुए कहा कि यह अभियान ग्रामीण समाज में कृषि आधारित नवजागरण का माध्यम बनेगा। जैविक उत्पादों के संवर्धन के साथ-साथ कृषकों को बाज़ार से जोड़ने की कार्ययोजना तैयार की गई है। प्रत्येक गांव में निःशुल्क किसान कार्ड वितरित किए जाएंगे तथा किसान संवाद शिविरों के माध्यम से जागरूकता का विस्तार होगा।

उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल खेती की पद्धति नहीं, बल्कि जीवन पद्धति में परिवर्तन का संकेत है। स्थानीय युवाओं को कृषि-आधारित स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। ग्राम्य भारत के नवनिर्माण की प्रेरक उपस्थिति बैठक में संदीप मिश्रा (संचालक, चंदापुर जैविक ई-स्टॉक प्वाइंट), विमल (पीडीएस प्रतिनिधि), कमला वाजपेई (मंडल अध्यक्ष, महिला मोर्चा, खागा), शांति शुक्ला (समाजसेविका) एवं नीरज बाजपई (जिलामंत्री, भाजपा फतेहपुर/DSR कैबिनेट, लखनऊ) सहित कई अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस दौरान उपस्थित किसानों ने संकल्प लिया कि जैविक पथ पर नव आरंभ करेंगे। कार्यक्रम के अंत में किसानों ने जैविक खेती की उपयोगिता पर सहमति व्यक्त करते हुए इस अभियान से पूर्ण निष्ठा के साथ जुड़ने का संकल्प लिया। कृषकों ने कहा कि यह पहल बुंदेलखंड की धरती को उर्वरता, ग्रामों को समृद्धि और किसानों को गरिमा प्रदान करेगी।