– ग्राम पंचायत में हुए 40 लाख का भ्रष्टाचार की शिकायतकर्ता की फाइल पहुंची जिलाधिकारी की चौखट पर
फतेहपुर। खागा तहसील क्षेत्र के ऐरायाँ विकास खंड की रसूलपुर भंडरा ग्राम पंचायत के शेरबहादुर सिंह पुत्र छत्रपाल सिंह निवासी बैरहना ने 01नवम्बर 2025 शनिवार को जिलाधिकारी फतेहपुर को बहल्फनामा के शिकायत पत्र देते हुए ग्राम पंचायत में लगभग 40 लाख रूपये सरकारी धन का बंदर बाँट होने की शिकायत करते हुए निष्पक्ष जाँच कराने की मांग किया है। पूर्व में भी शिकायतकर्ता ने हैण्डपम्प रिबोर मरम्मत के नाम पर लाखों रूपये का भ्रष्टाचार का पर्दाफाश कर सरकारी धन की रिवकरी करा कर दोषियों को कोर्ट तक पहुँचाने का काम किया था।
बताते चलें कि शिकायतकर्ता ने दिये गए शिकायती पत्र में बिना काम कराये और नाली इंटरलॉकिंग में में लगभग 40 लाख रूपये गबन करने का आरोप लगाते हुए विभिन्न मदों की बिंदुवार विशेषज्ञ टीम गठित करके जाँच कराने की मांग किया है।
क्रमवार कुछ कार्यों को तथ्यात्मक पहलु- साक्ष्य को शिकायतकर्ता ने सामने रखते हुए बताया कि इन स्थानों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है जैसे —👇👇
1- रसूलपुर भंडारा ग्राम पंचायत के इकौनागढ़ में –
चौराहा से रामकिशोर के घर तक 80 लम्बाई व 3.25 मीटर चौड़ाई मीटर इंटरलॉकिंग के निर्माण का सरकारी भुगतान 4,98,330 रु.हुआ है। जबकि इसका वास्तविक मूल्यांकन इस प्रकार है – कि दस मीटर इंटरलॉकिंग में एक हज़ार ईंटो का प्रयोग होता है, और 80 मीटर में आठ हज़ार ईंटो का प्रयोग हुआ है। जिसमें कि विभाग द्वारा मय निर्माण लागत सहित 27.14 रूपये देती है, इस दर से 80 मीटर इंटरलाकिंग में सरकारी तय रेट 27.14 से कुल वाजिब लागत 2,16,172 दो लाख सोलह हज़ार एक सौ बहत्तर रु. खर्चा आना चाहिए, जबकि ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा 2,82,208 रु. का भ्र्ष्टाचार करके अधिक भुगतान करा कर बंदरबाँट किया गया है।
2- बैरहना गाँव में –
खड़ंजा से रामगोपाल के घऱ तक इंटरलॉकिंग निर्माण की 28 मीटर लम्बा व 3 मीटर चौड़ा में विभाग द्वारा कुल भुगतान 3,77,871 रु. कराया गया है, जिसमें लगभग 3 हज़ार सीमेंटेड ईंटो का प्रयोग किया गया है, जिसका वास्तविक खर्च 27.14 के सरकारी मूल्य दर से 81,042 इक्यासी हजार ब्यालिश रु होना चाहिए था, जिसमें जिम्मेदारों द्वारा 2,96, 800,गबन कर बंदरबाँट किया गया है।
3- नयापुरवा ( कल्यानपुर कसार ) में — ———–
रोहन के घर से बिजली के पोल तक इं. लाकिंग निर्माण कार्य की अधिक से अधिक 100 मीटर लम्बाई व 3 मीटर चौडाई का सरकारी भुगतान 4,72,616 रु. की राशि निकाली गई है। जिसमें कि 100 मीटर की लम्बाई में लगभग 10 हज़ार सीमेंटड ईंटो का खर्च हुआ है जिसकी वास्तविक लागत 27.14 के दर से 2,71,400 रु. होना चाहिए परन्तु,ग्राम प्रधान निशा देवी यादव व सचिव कृष्णपाल यादव द्वारा 2,01,216 दो लाख एक हज़ार दो सौ सोलह रु. अधिक राशि निकाल कर गबन कर लिया गया है।
4- बिना काम कराये ही हुआ कई लाखों का भुगतान –
– ग्राम सभा के बरुअन पर गाँव में –
*खड़ंजा मरम्मत व निर्माण–*
अजय तिवारी के घऱ से ट्रांसफर्मर तक का भुगतान 1,00,260 रु का हो चूका, जबकि आजतक उस जगह में केवल दस से पंद्रह ट्राली मिट्टी की डालकर कार्य समाप्त कर दिया गया है।
तो वहीं दूसरी तरफ़ केकरन पर गाँव में – सुशील कुमार के घऱ से करन के घऱ तक के 100 मीटर इंटरलॉकिंग व नाली निर्माण कार्य की रकम 2,39,693 का भुगतान बिना कार्य कराये ही करवा लिया गया है।
– जबकि इसी कार्य का भुगतान इसी जून माह की इसी दिन तारीख को सत्यम अवस्थी के घऱ से सुशील व करन के घऱ तक नाली व इंटरलॉकिंग काम का 3,49,731 का भुगतान कराया गया है। जबकि 100 मीटर कार्य में 8000 का 27.14 की मूल्य दर से 2,17,120 रु. ही होता है, जिसमें कि इस काम में भी 1,32,611 रु अधिक निकाले गए हैं। और इसी काम के नाम से 2,39,693 दो लाख उनतालिस हज़ार छः सौ तिरानबे भ्रष्टाचार करके गबन किया गया है। कुल मिलाकर इस 100 मीटर की इंटर लॉकिंग कार्य में 3,72,304 तीन लाख बहत्तर हज़ार तीन सौ चार रु.का फर्जी भुगतान किया गया है। और नाली अधूरी आज भी पड़ी हुई है।
– इसी कड़ी में बैरहना गाँव के अभिषेक के घऱ से दयाशंकर व सुमेन्द्र तिवारी के घऱ तक नाली व इंटरलॉकिंग निर्माण के नाम पर 4,92,677 रु का विभाग द्वारा भुगतान किया गया है जिसको चार भागो में काम कराया गया है।
– परन्तु नाली आजतक नहीं बनाई गयी है। जबकि इसकी लम्बाई के आधर पर कुल लगभग 10 हज़ार ईंटो का खर्चा आया है, जबकि दस हज़ार ईंटो की रकम 2,71,400 रु.होता है परन्तु भुगतान 4,92,677 रु.का हुआ है। जिसमें की इस काम में भी 2,21,277 रु. अधिक निकाला गया है।
* पंचायत भवन में टाइल्स व रंगाई पुताई के नाम पर भी गबन हुआ लाखों रुपये –
केवक 300 सौ स्कवायफिट में ही टाइल्स लगाकर 3,26,158 का भुगतान कराया गया है। जिसका सर्वाधिक खर्च एक लाख से कम ही होता है। हलांकि शिकायतकर्ता ने ग्राम प्रधान व सचिव पर चालीस लाख रूपये गबन का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी के पास साक्ष्य प्रस्तुत किया है।
इसी तरह ग्राम पंचायत के लगभग आधा सैकड़ा कार्यों में अधिक भुगतान करा कर ग्राम प्रधान व सचिव ने बंदरबाँट करके सरकारी धन का दुरपयोग किया गया है।
इसी पंचायत में पूर्व में भी शिकायत के बाद सरकारी धन की रिकवरी हुई है, जिसमें उपरोक्त सचिव प्रधान को उच्च अधिकारियों ने दोषी पाया था जिसके बदले में जुर्माने की कार्यवाही भी की गयी है। हलांकि शिकायतकर्ता ने संतुष्ट नहीं होने का बाद उच्च हाई कोर्ट का सहारा लेकर वाद दाखिल किया है जो कि भ्रष्टाचार पाए जाने के संबंध में आज भी माननीय उच्च न्यायलय में वाद विचाराधीन है।
