खागा – फतेहपुर। देश में बड़ी संख्या में बेस कीमती जमीन में जो शत्रु संपत्ति से नाम से घोषित है, भारत सरकार की पहल से शत्रु संपत्तियां के नीलामी का निर्णय लिया गया है। इसी क्रम में जनपद के खागा तहसील क्षेत्र में लगभग 20 संपत्तियां हैं जिनकी नीलामी आगामी 16 जुलाई को होनी है। नीलामी में हिस्सा लेने के लिए 1000 रुपए देकर रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है।
शत्रु संपत्ति भारत सरकार की शाखा लखनऊ के पर्यवेक्षक कोमल यादव ने तहसील परिसर के सभागार में एक बैठक करते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा शत्रु संपत्ति घोषित क्षेत्र की नीलामी सुबह 10:00 बजे से 4:00 बजे तक 16 जुलाई को होना है इसके पूर्व 1000 रुपए देकर रजिस्ट्रेशन करवा ले। रजिस्टर्ड व्यक्ति ही नीलामी में हिस्सा ले सकेगा। सर्वोच्च नीलामी बोलने वाले को संपत्ति का मालिकाना हक मिल जाएगा। श्री यादव व तहसीलदार ईवेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि तहसील क्षेत्र में गांव अढ़ैया में 16 सहित थराव में दो व परवेजपुर में दो शत्रु संपत्तियां मौजूद हैं। इन सभी संपत्तियों की नीलामी आगामी 16 जुलाई को होना निश्चित हुआ है। श्री यादव ने कहा कि सभी लोग नीलामी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें जिससे शत्रु संपत्तियां का मालिकाना हक मिल सके। सभी कार्यवाहियां विधिक नियमों के अनुसार संपन्न कराई जाएगी। इस मौके पर बड़ी संख्या में गणमान्य, संबंधित राजस्व अधिकारी व कर्मचारी सहित पत्रकार साथी भी मौजूद रहे।
शत्रु संपत्ति किसे कहते हैं?
एनिमी प्रॉपर्टी यानी शत्रु संपत्ति से मतलब ऐसी सम्पत्ति से है जो किसी दुश्मन देश, उसके आश्रित या दुश्मन देश की फर्म की है।1965 की भारत-पाकिस्तान लड़ाई के बाद 1968 में इससे जुड़ा कानून बनाया गया। इस कानून में युद्ध के बाद पाकिस्तान और चीन चले गए लोगों की ओर से छोड़ी संपत्ति के दावों को रोकने के प्रावधान हैं। शत्रु संपत्ति ऐक्ट में प्रावधान किया गया कि जो लोग भी आजादी के समय हुए विभाजन या फिर पाकिस्तान से हुई लड़ाई के बाद पाकिस्तान चले गए थे और उन्होंने पाकिस्तान की सिटिजनशिप ले ली थी, उनकी संपत्ति को सरकार की ओर से शत्रु संपत्ति घोषित की गई।
