राशन कार्ड सत्यापन में ग्राम पंचायत सचिवों पर दबाव, कोटेदार बने उदासीन



– विभागीय कार्यों में व्यस्त ग्राम पंचायत अधिकारी पल्ला झाड़ रहे, जबकि असल जानकारी कोटेदारों के पास फिर भी नहीं कर रहे सहयोग

फतेहपुर। जनपद के कई ग्राम पंचायतों में इन दिनों राशन कार्ड सत्यापन का कार्य पंचायत सचिवों के सिर पर अतिरिक्त बोझ बन गया है। शासन से मिले निर्देशों के बाद पंचायत सचिवों पर तेजी से सत्यापन पूरा करने का दबाव है, जबकि ग्राम पंचायत अधिकारी अपने विभागीय कार्यभार का हवाला देकर इस जिम्मेदारी से बच रहे हैं।
वास्तविकता यह है कि राशन कोटेदारों के पास ही प्रत्येक परिवार की पूरी जानकारी होती है — कौन पात्र है और कौन अपात्र। बावजूद इसके, अधिकांश कोटेदार सत्यापन कार्य में सहयोग करने से बचते हैं, जिससे पात्रों को राशन मिलने में कठिनाई और अपात्रों के कार्ड रद्द करने में विलंब हो रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को कोटेदारों की भूमिका तय करनी चाहिए, ताकि वे सत्यापन प्रक्रिया में पारदर्शी तरीके से सहयोग करें। वहीं पंचायत सचिवों का कहना है कि एक ओर तो हमें विभागीय कार्य, पंचायत योजना और विकास से जुड़ी जिम्मेदारियाँ निभानी पड़ती हैं, दूसरी ओर राशन कार्ड सत्यापन जैसे गैर-विभागीय कार्यों का दबाव भी झेलना पड़ रहा है।
इसी कड़ी में कुछ पंचायत के सचिवों ने बताया कि इसी तरह से फैमिली आईडी बनाने में भी कोटेदार सहयोग नहीं करते हैं जिससे फैमिली आईडी का कार्य बहुत स्लो है।