कौशाम्बी। जनपद के सिराथू तहसील क्षेत्रांतर्गत शमशाबाद गांव में कभी सैकड़ो की मात्रा में लोग पीतल के कारखाने चलाकर अपना कारोबार करते थे, लेकिन समय के परिवर्तन होते हुए भी यह कारोबार भी पूरी तरह से यहां पर विलुप्त हो चुका है. अब तो यहां पर गिने चुने हुए ही व्यापारी पीतल के कारोबार करते हैं.
जनपद कौशाम्बी का एक ऐसा गांव जो पीतल नगरी के नाम से बहुत ही प्रसिद्ध है. मुरादाबाद के बाद पीतल के कारोबार क्षेत्र में सिराथू तहसील के शमशाबाद गांव का भी नाम बहुत ही प्रसिद्ध क्षेत्र माना जाता है. यहां पर पीतल के बर्तन का कारोबार अधिक मात्रा में किया जाता था. उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सन 1962 में प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने निर्माण उद्योग सहकारी समिति लिमिटेड की आधारशीला रखी थी. शमशाबाद को पीतल नगरी व मिनी मुरादाबाद के नाम से भी जाना जाता है.
दरअसल यहां पर पीतल के कारोबार के साथ-साथ यहाँ की मिट्टी का भी बहुत महत्व माना जाता है. पीतल नगरी शमशाबाद गांव की मिट्टी भुरभूरी धातुओ से युक्त है. पीतल के बर्तन को चमकाने के लिए कारीगर यहां की मिट्टी से घिसाई करके बर्तनों को चमकाने का काम करते हैं. पीतल के बर्तनों को चमकाने के लिए पीतल नगरी व शमशाबाद की धातुओ से युक्त मिट्टी यूपी के मुरादाबाद, मध्य प्रदेश, हरियाणा एवं बिहार जैसे कई राज्यों में ले जाते है. जो पीतल के बर्तनों को घिसाई एवं चमकाने के लिए काम आती है और इस पीतल नगरी शमशाबाद में पीतल के पुराने बर्तनों को रिपेयर करके भी तैयार किया जाता है और बने हुए बर्तन को भी यही से बेचा जाता है और बाहर कई राज्यों में भी यहां के बर्तन जाते हैं. पीतल के बर्तनो का ज्यादातर शादी विवाह में प्रयोग किया जाता है.
पीतल नगरी कहलाता था शमशाबाद
शमशाबाद गांव में कभी सैकड़ो की मात्रा में लोग पीतल के कारखाने चलाकर अपना कारोबार करते थे. लेकिन समय के परिवर्तन होते हुए भी यह कारोबार भी पूरी तरह से यहां पर विलुप्त हो चुका है. अब तो यहां पर गिने चुने हुए ही व्यापारी पीतल के कारोबार करते हैं. लोगों का यह भी कहना है कि सरकार तो बदली लेकिन शमशाबाद के पीतल नगरी की तकदीर नहीं बदली. इस पीतल नगरी गांव शमशाबाद में कसेरा समाज के बाहुल्य संख्या है. पीतल नगरी के नाम से देश के कोने-कोने में यह गांव विख्यात है. पीतल के बने नक्कासीदार बर्तन ही इस गांव की पहचान है. अब इस गांव में पीतल के कारोबार का महत्व पूरी तरह से खत्म हो चुका है.
@रवि केशवानी
