मोरम माफिया के आगे सरकारी मशीनरी बेबस, संगोलीपुर मड़ैयन घाट पर अवैध खनन चरम पर



– ‘जीरो टॉलरेंस’ के दावे हवा-हवाई, मोरम माफिया दिनदहाड़े सक्रिय

फतेहपुर। खागा तहसील के किशनपुर थाना क्षेत्रांतर्गत संगोलीपुर मड़ैयन मोरम घाट पर खनन माफियाओं की मनमानी चरम पर पहुंच गई है। ओवरलोड ट्रकों, ट्रैक्टरों और पोकलैंड जैसी भारी मशीनों के जरिए खुलेआम अवैध खनन किया जा रहा है, जबकि जिम्मेदार विभाग और अधिकारी पूरी तरह मौन साधे हुए हैं। एसटीएफ सहित जिला प्रशासन द्वारा की गई तमाम कार्रवाइयां भी प्रभावहीन साबित होती नजर आ रही हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ओवरलोड वाहन दिन-रात बेखौफ होकर न केवल सड़कों पर दौड़ रहे हैं, बल्कि आला अधिकारियों के कार्यालयों और थाना परिसरों के सामने से गुजरने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही। खागा तहसील क्षेत्र में स्थित किशनपुर यमुना पुल पर लगातार भारी वाहनों की आवाजाही से पुल की सुरक्षा पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है। इसके चलते आसपास के इलाकों में जाम और अव्यवस्था की स्थिति बनी रहती है। ग्रामीणों का आरोप है कि घाट की शुरुआत में कुछ समय तक अधिकारी अवैध खनन और ओवरलोडिंग रोकने का दिखावा करते रहे, लेकिन कथित तौर पर ‘जेब गर्म’ होने के बाद सभी कार्यालयों में दुबक गए। वर्तमान में घाट संचालक दिनदहाड़े ओवरलोड मोरम वाहनों को चला रहे हैं, जिससे रास्ते में पड़ने वाले कस्बों और गांवों में दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। करोड़ों रुपये की लागत से बनी सड़कें भी भारी वाहनों के कारण गड्ढों में तब्दील होती जा रही हैं। मोरम घाट पर पोकलैंड जैसी भारी मशीनों के संचालन से यमुना नदी के प्राकृतिक प्रवाह को भी गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। सबसे बड़ा विवाद किसानों की फसलों को लेकर है। ग्रामीणों का कहना है कि खनन माफियाओं ने ओवरलोड वाहनों के लिए गेहूं, आलू और सरसों की खड़ी फसलों को रौंदकर जबरन रास्ता बना लिया। यह सब बिना किसी अनुमति और बिना किसी मुआवजे के किया गया, जिससे किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति और अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई के निर्देशों के बावजूद फतेहपुर प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। क्षेत्रीय लोगों में बढ़ते आक्रोश के बीच अब प्रशासन से ठोस और प्रभावी कार्रवाई की मांग तेज होती जा रही है।