फतेहपुर : रक्षाबंधन पर मुफ्त बस यात्रा में अव्यवस्था, इंतजार में पसीने-पसीने यात्री

फतेहपुर। भाई-बहन के पवित्र पर्व रक्षाबंधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की ओर से महिलाओं और उनके साथ सह यात्री के लिए मुफ्त बस यात्रा का ऐलान तो हुआ, लेकिन बस अड्डे पर हालात इस कदर बिगड़े कि महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चों को घंटों तक बस का इंतजार करना पड़ा। शुक्रवार की सुबह से ही फतेहपुर रोडवेज पर यात्रियों का हुजूम उमड़ पड़ा, और दिन चढ़ते-चढ़ते बस अड्डा यात्रियों से खचाखच भर गया। यही स्थिति रात – दिन बीतने के बाद शनिवार को भी दिखाई दी।

बसों के आते ही मचा हंगामा

जैसे ही कोई बस बस अड्डे के नजदीक या फिर अंदर बने प्लेटफॉर्म पर आती, महिलाएं सीट पाने के लिए दौड़ पड़तीं। कई बार धक्का-मुक्की की नौबत भी आ गई। बस में चढ़ने को लेकर यात्रियों के बीच कहासुनी होती रही। कुछ बसें पहले से ही यात्रियों से भरी हुई पहुंचीं, जिससे इंतजार कर रहे लोगों का गुस्सा और बढ़ गया।

महिलाओं और बच्चों की परेशानी

धूप और उमस में इंतजार करना सबसे ज्यादा बुजुर्ग महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए मुश्किल साबित हुआ। कई महिलाएं सिर पर पल्लू रखकर धूप से बचने की कोशिश करती रहीं, वहीं कई माताएं गोद में बच्चों को लिए बस का इंतजार करती नजर आईं।

यात्रियों का दर्द

एक महिला यात्री ने बताया, “सुबह से लाइन में लगी हूं, अभी तक बस नहीं मिली। रक्षाबंधन का दिन खराब हो गया।” वहीं, एक बुजुर्ग यात्री ने कहा कि इस दिन के लिए बसें दोगुनी होनी चाहिए थीं ताकि कोई बहन अपने भाई के घर जाने से वंचित न रहे।

पुलिस और कर्मचारियों की चुनौती

भीड़ को संभालने के लिए रोडवेज के कर्मचारी और पुलिसकर्मी लगातार यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर लाइन से खड़ा होने की अपील करते रहे, लेकिन अत्यधिक भीड़ के आगे व्यवस्था बार-बार टूटती रही।

अधिकारियों का दावा

रोडवेज प्रशासन का कहना रहा है कि फतेहपुर से विभिन्न रूटों पर अतिरिक्त बसें चलाई गईं, लेकिन इस बार यात्री संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची, जिसकी वजह से अव्यवस्था हो गई। भविष्य में इस तरह के मौकों पर बेहतर इंतजाम करने का आश्वासन दिया गया।

इस बार कई बहनों को भाई के घर पहुंचने के लिए निजी वाहन, ऑटो या यहां तक कि साझा टैक्सी का सहारा लेना पड़ा, जिससे मुफ्त यात्रा का फायदा उठाने का सपना अधूरा रह गया।