खागा – फतेहपुर। वकील की एफ आई आर ना दर्ज करने के चलते मॉडल बार एसोसिएशन खागा की ओर से जारी हड़ताल में नया मोड़ आ गया। सोमवार को संघर्ष समिति के नेतृत्व में वकीलों ने प्रदर्शन कर नारेबाज़ी करने के साथ एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर पीड़ित अधिवक्ता की एफ आई आर दर्ज कराने की मांग की है। पीड़ित अधिवक्ता का आरोप कि पुलिस ने इस मामले में आरोपी चौकीदार की तत्काल एफ आई आर दर्ज कर ली और वकील की रिपोर्ट लिखने में टालमटोल कर रही है।
मालूम हो कि बीते समाधान दिवस में वकीलों की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि पीड़ित अधिवक्ता रवि कुमार की एफ आई आर ना दर्ज करके अधिवक्ता के खिलाफ दर्ज एफ आई आर को स्पंज कर दिया जाएगा, एसपी के इस आश्वासन पर सारे अधिवक्ता मान गए थे लेकिन बुधवार की देर शाम वकीलों को सूचना मिली कि विवेचक ने अधिवक्ता के विरुद्ध दर्ज एफ आई आर को स्पंज ना कर मामले में एफआर लगा दी है। एफआर का मतलब पुलिस ने वादी के पास कोर्ट में एफआर प्रोटेस्ट करने का विकल्प खुला छोड़ दिया यानी इस मामले में पीड़ित अधिवक्ता को अधूरा न्याय मिला। सैकड़ो अधिवक्ताओ ने एक सुर में कहा कि अब पुलिस को हमारे पीड़ित अधिवक्ता साथी की तरफ़ से भी एफ आई आर दर्ज करनी पड़ेगी भले ही उसमे बाद में एफआर लगा दी जाए क्यूंकि अगर विपक्षी अपनी एफआर को चैलेंज करेगा तो हमारे अधिवक्ता साथी के पास भी एफ आर चैलेंज का विकल्प खुला रहेगा। अब यह लड़ाई पाँच सदस्सीय संघर्ष समिति जिसमें राजेंद्र सिंह एडवोकेट, अनिल सिंह एडवोकेट, रामसखा द्विवेदी एडवोकेट, मलखान सिंह एडवोकेट तथा मोहम्मद इसराइल फ़ारूक़ी एडवोकेट के नेतृत्व में लड़ी जा रही है।
सोमवार को सैकड़ों अधिवक्ताओं के साथ ज्ञापन देकर संघर्ष समिति ने कहा कि अगर पुलिस प्रशासन पीड़ित वकील रवि की तरफ़ से अपने चौकीदार के खिलाफ एफ आई आर दर्ज नहीं करती है तो आंदोलन और तेज होगा फ़िलहाल सभी अदालतों के साथ बैनामा, रजिस्ट्री स्टांप बिक्री सहित पूर्ण रुप से कलम बंद हड़ताल चल रही है। इस दौरान संघर्ष समिति ने चेताया कि आगे पुलिस और वकीलों में टकराव की नौबत ना आए इसलिए पुलिस और प्रशासन की यह ज़िम्मेदारी बनती है कि वह तत्काल एफ आई आर दर्ज कर उसकी कापी पीड़ित वकील को सौंप दे।
इस दौरान सैकड़ों की तादाद में अधिवक्ता एवं अन्य लोग मौजूद रहे हैं।
