– काण्ड की किरकिरी में कई सफेदपोश एवं अधिकारी आ रहे जद में
फतेहपुर। मलवां थाना क्षेत्र के अंतर्गत बरमतपुर गांव में दलित परिवार के गिराए गए मकान के मामले में गुरुवार को फिर पीड़ित परिवार कलेक्ट्रट पहुँचे और न्याय की गुहार लगाई। पूरे मामले में भले ही तूल पकड़ा हो और दलित परिवार को स्थापित किए जाने की कार्यवाही शुरू हुई हो लेकिन अभी तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला है।
पीड़ित दलित दिव्यांग अपने परिवार के साथ लगातार न्याय की गुहार लगाता आ रहा है, मामला भी हाइलाइटेड हुआ है पर आज तक उसको उसको उचित न्याय नहीं मिला है। इस पूरे मामले में जिस लेखपाल ने धारा 67 के तहत कार्रवाई की उसके खिलाफ सरकारी तंत्र ने कोई भी कार्रवाई नहीं की, इतना ही नहीं बताया तो यहां तक जाता है कि इस बहुचर्चित प्रकरण में धारा 67 के तहत कार्रवाई की रिपोर्ट देने वाला संबंधित लेखपाल भी कोई आम लेखपालों में नहीं है। प्रदेश में समाजवादी पार्टी के एक सांसद का रिश्तेदार है और एक अधिकारी के इशारे पर उसे गांव भेजा गया था जबकि बरमदपुर गांव के हल्के के लेखपाल को भी इस रिपोर्ट को उच्च अधिकारी दे सकते थे लेकिन हल्के के लेखपाल को भनक तक नहीं रही और उसके क्षेत्र में धारा 67 की कार्यवाई दूसरे लेखपाल की रिपोर्ट पर की गई। सूत्रों का दावा है कि जब धारा 67 की रिपोर्ट के बाद 16 जुलाई को राजस्व की टीम ने दलित परिवार के मकान को गिरा दिया और राजस्व टीम की मनमानी साबित हुई तो इस मामले में तूल पकड़ लिया, इसी धारा 67 की कार्रवाई करने वाली लेखपाल ने ही बाकायदा जिले के जनप्रतिनिधियों को संपूर्ण दस्तावेज भी सौंपे थे और यहीं से राजनीति की कहानी भी शुरू हो गई थी। इस प्रकरण में जानकार सूत्रों का कहना है कि इस राजस्व कर्मचारी को बचाने के लिए भाजपा के ही एक दिग्गज नेता ने लाखों रुपए की डील की है, यही वजह है कि अभी तक इस राजस्व कर्मचारी के खिलाफ कोई भी एक्शन नहीं हो पाया है। चर्चा तो यहां तक है कि एक अधिकारी ने इस पूरी पत्रवाली को ही अपने पास रख लिया। कुछ दिनों पूर्व इसे एक जिम्मेदार अधिकारी ने सस्पेंड किया था उसके बावजूद भी वह हाईकोर्ट पहुंचकर अपने सस्पेंशन आदेश को बहाल करवाया लाया था उसके बाद से उसकी राजस्व टीम के बीच तूती बोलती है। साथ ही प्रदेश के सपा के सांसद का रिश्तेदार होने की वजह से अफसर से लेकर के राजनीतिक हलकों तक भी उसकी मजबूत पकड़ बनी है। सूत्रों का तो यहाँ तक दावा है कि शहर के एक बहुचर्चित हत्याकांड के मामले में भी इस लेखपाल का नाम उभर कर सामने आया था।
