जमुना नदी की बाढ़ का कहर: दर्जनों गांव जलमग्न, ग्रामीण खेतों में तिरपाल डालकर रहने को मजबूर


फतेहपुर। यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 103 मीटर तक पहुंच गया है, जिससे रेय, कोंडार, अढ़ावल, दसौली, धनुहन डेरा, पलटूपुर, ललौली, कोर्रा कनक, मैंनाही, डडियार, ओती, दतौली, असोथर सहित आसपास के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
इन गांवों में लोगों के घरों में पानी भर चुका है और चारों ओर से संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। ग्रामीण अपने घर छोड़कर खेतों में तिरपाल डालकर अस्थायी रूप से रहने को मजबूर हैं। बाढ़ की इस विभीषिका के साथ-साथ लगातार हो रही बारिश ने संकट और बढ़ा दिया है।
ग्रामीणों को एक तरफ बाढ़ और दूसरी तरफ बारिश की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। गांवों में पीने के पानी, भोजन और चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी महसूस की जा रही है। प्रशासन की ओर से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया है। संबंधित विभागों को राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं और अफवाहों पर ध्यान न दें। साथ ही राहत शिविरों में व्यवस्था सुनिश्चित करने का दावा भी किया गया है, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे अलग दिखाई दे रही है।