बाढ़ और बारिश से बिलबिलाकर बिलों से निकले विषधर, ग्रामीणों में दहशत का माहौल

– ललौली क्षेत्र के पलटू का पुरवा में बाढ़ से प्रभावित लोग जंगल में हैं विस्थापित

– मवेशियों सहित जनहानि को विषैले जानवरों से बढ़ रहा खतरा

फतेहपुर। जनपद में हो रही लगातार बारिश और बाढ़ की स्थिति ने जहां आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, वहीं अब एक और खतरा लोगों के सिर पर मंडराने लगा है। बाढ़ और बारिश से परेशान होकर ज़मीन में छिपे ज़हरीले सांप, बिच्छू, बिच ख़ापर, छः बुंदा यानी विषधर अब अपने बिलों से बाहर निकलने लगे हैं। ग्रामीण इलाकों में इन विषधरों की बढ़ती संख्या से दहशत का माहौल है।
ग्रामीणों के अनुसार, खेतों, नालियों, मकानों के आसपास और यहां तक कि घरों के अंदर भी सांप देखे जा रहे हैं। कई स्थानों पर सांपों के काटने की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है। वैसे भी जनपद के विभिन्न इलाकों में आई बाढ़ से जंगलों में विस्थापित लोगों की चिंता सर्वाधिक बढ़ती नजर आई है। ऐसी स्थिति में बारिश और बाढ़ से जनजीवन प्रभावित है, वहीं अब सांपों का खतरा एक नई चुनौती बनकर सामने आया है। जरूरत है जनजागरूकता, सतर्कता और स्वास्थ्य सेवाओं की तत्परता की, ताकि किसी प्रकार की जनहानि से बचा जा सके।

स्वास्थ्य सेवाएं अलर्ट पर

जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट कर दिया गया है। एंटी-स्नेक वेनम स्टॉक बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि सांप के काटने की स्थिति में घरेलू इलाज के बजाय तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं।


वन विभाग भी सतर्क

शासन के निर्देश पर वन विभाग ने भी टीमों को अलर्ट कर दिया है। विशेषज्ञों की मानें तो लगातार जलभराव और नमी के कारण सांप अपने सुरक्षित ठिकानों से बाहर निकल आते हैं। लोगों को जागरूक किया गया है कि वे नंगे पांव न चलें, बच्चों को अकेले बाहर न भेजें और रात्रि में टॉर्च या प्रकाश का उपयोग करें।


स्थानीय प्रशासन की अपील

प्रशासन ने लोगों से घबराने के बजाय सतर्क रहने और विषधरों से बचाव के उपाय अपनाने की अपील की है। साथ ही, किसी भी आपात स्थिति में 112 या 108 पर संपर्क करने की सलाह दी गई है।