– ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज ने पारदर्शिता और डिजिटल सुविधा बढ़ाने की रखी मांग
लखनऊ। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज ने मुंबई स्थित सेंट्रल हज कमेटी की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और डिजिटल सुधार की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक विस्तृत ज्ञापन भेजा है।
संगठन के मुख्य राष्ट्रीय अध्यक्ष मुहम्मद यूसुफ ने पत्र के माध्यम से कहा कि हज यात्रा के दौरान लाखों तीर्थयात्री विभिन्न कठिनाइयों का सामना करते हैं। इन परेशानियों को देखते हुए हज कमेटी की संरचना, चयन प्रक्रिया और प्रशासनिक व्यवस्था में बड़े बदलाव की आवश्यकता है ताकि व्यवस्थाएं सरल, पारदर्शी और आम यात्रियों के हित में हों। इस दौरान उन्होंने छह प्रमुख सुधारों का प्रस्ताव रखा है। सौंपे गए ज्ञापन में छह मुख्य बिंदुओं पर सुधार की मांग की है जिसमें अध्यक्ष व समिति चयन में पारदर्शिता, समिति में केवल राजनीतिक नियुक्तियों के बजाय योग्य और प्रतिनिधिक लोगों को शामिल किया जाए। उप-मुख्य कार्यपालक अधिकारी की नियुक्ति शीघ्र की जाए, जिससे प्रशासनिक कार्य सुचारु रूप से चल सकें। शुल्क निर्धारण में एकरूपता, सभी राज्यों में हज यात्रियों से समान शुल्क लिया जाए, ताकि भेदभाव न हो। सब्सिडी वितरण प्रणाली में पारदर्शिता, वित्तीय सहायता सीधे लाभार्थियों के खातों में भेजी जाए। प्री-हज प्रशिक्षण शिविरों में सुधार, प्रशिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाई जाए और आधुनिक तकनीकी जानकारी दी जाए। एवं डिजिटल अवसंरचना को सुदृढ़ किया जाए, आवेदन से लेकर टिकट तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और पारदर्शी हो।
लिखे गए पत्र में मुहम्मद यूसुफ ने कहा कि सेंट्रल हज कमेटी में व्यावहारिक और प्रशासनिक सुधार लागू किए जाने से लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह मांग किसी राजनीतिक उद्देश्य से नहीं, बल्कि आम मुसलमानों की सुविधा के लिए की गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” की भावना के अनुरूप हज व्यवस्था में सुधार करते हुए वर्ष 2026 से नई पारदर्शी प्रणाली लागू की जाए।
