किसान नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम सौंपा गया ज्ञापन



फतेहपुर। भारतीय किसान यूनियन (महात्मा टिकैत गुट) के जिला अध्यक्ष मधुसूदन तिवारी के नेतृत्व में किसानों ने महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा। ज्ञापन में तमिलनाडु के किसान नेता पी.आर. पांड्यन एवं सेल्वराज को कथित झूठे मुकदमे में सजा दिए जाने का विरोध करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गई।
ज्ञापन में बताया गया कि किसान नेता पी.आर. पांड्यन ने अपना पूरा जीवन किसानों के हित और उत्थान के लिए समर्पित किया है। वर्ष 2013 में तमिलनाडु के धर्मापुरी जिले के करिमंगलम क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा संरक्षित कृषि भूमि घोषित इलाके में ओएनजीसी कंपनी द्वारा खुदाई एवं ड्रिलिंग का कार्य शुरू किया गया था। उसी दौरान गैस लीकेज की घटना से जान-माल के बड़े खतरे की आशंका उत्पन्न हुई, जिसके बाद राज्य सरकार ने उक्त परियोजना पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद ओएनजीसी ने कार्य जारी रखा, जिससे स्थानीय किसानों और आम जनजीवन में भय का माहौल बना रहा। किसानों ने बताया कि खेती और पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के विरोध में वर्ष 2015 में पी.आर. पांड्यन के नेतृत्व में शांतिपूर्ण आंदोलन किया गया, लेकिन कंपनी द्वारा किसानों की आवाज दबाने के लिए साजिश के तहत फर्जी साक्ष्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया गया। इसी मामले में 6 दिसंबर 2025 को तिरुवरूर जिले की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने किसान नेता पी.आर. पांड्यन और सेल्वराज को 13-13 वर्ष की सजा सुनाई, जिससे देशभर के किसानों में रोष व्याप्त है। किसान यूनियन ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वे देश की सर्वोच्च संवैधानिक पद पर रहते हुए इस मामले का संज्ञान लें और अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए अथवा केंद्र व तमिलनाडु सरकार को निर्देश देकर न्यायोचित समाधान निकालते हुए दोनों किसान नेताओं की रिहाई सुनिश्चित कराएं।
इस मौके पर जिला अध्यक्ष मधुसूदन तिवारी, युवा जिला अध्यक्ष अजय सिंह उर्फ कल्लू सिंह, महिला जिला अध्यक्ष रिंकी जायसवाल, महिला उपाध्यक्ष फौजिया खान, जिला उपाध्यक्ष रामआसरे यादव, कमलेश मिश्रा, रज्जू भैया, दीपेंद्र सिंह, शिव बाबू, गुड्डू, राधे, मोनू पाल, बुद्ध सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।