– पाइपलाइन के नाम पर खोदी गई सड़क न बनने से लोग हैं परेशान
– हुसैनगंज विधायक के गांव के लोग भी झेल रहे विभागीय अवहेलना का दंश
– आखिरकार विभाग जागेगा कब और कैसे होगी शासन की मंशा पूर्ण?
फतेहपुर। सरकार द्वारा संचालित की जा रही जल जीवन मिशन, जो एक महत्वाकांक्षी सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर को नल के माध्यम से पानी उपलब्ध कराना है, लेकिन कुछ स्थानों पर यह योजना जनता के लिए एक अभिशाप साबित हो रही है। कई गांवों में नल कनेक्शन तो लग गए हैं, लेकिन पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है, जिससे लोगों को पानी की किल्लत झीनी पद रही है उससे कहीं ज्यादा इस बारिश के मौसम में योजना के अंतर्गत नई पाइपलाइन डालने के नाम पर जल निगम के अधिकारियों ने मनमानी कर दी और कई गांव में अच्छी खासी बानी रोड को तोड़कर तहस – नहस कर दिया। शासन के स्पष्ट कई निर्देश के बावजूद आज भी कई पंचायतों में खुदाई की कई सड़क को ढंग से बनाया गया जिससे वहां के ग्रामीणों का जीना या यूँ कहें कि ख़राब रास्ते से निकलना दूभर हो गया है।

ऐरायां विकास खण्ड के अंतर्गत ग्राम पंचायत सुल्तानपुर घोष में जल जीवन मिशन योजना के तहत तोड़ी गई सड़क आज तक बनवाई नहीं गई है जिससे ग्रामीणों का चलना दूभर है। इस लापरवाही के चलते दुर्घटना होने की संभावनाएं बानी रहती हैं। वैसे सुल्तानपुर घोष गांव हुसैनगंज विधानसभा की विधायक ऊषा मौर्या का निवास स्थान भी है लेकिन विभाग द्वारा घोर लापरवाही किया जाना साफ़ साबित होता है। बीते वर्ष 2024 में लोगों ने किसी तरह शासन – प्रशासन के आश्वासन पर सड़क दुरुस्त होने का दंश तो झेल लिया था लेकिन अब 2025 की बारिस की मुसीबत लोगों के गले से नहीं उतर पा रही है। पाइपलाइन के नाम पर हुई खुदाई और उस खुदाई से बर्बाद हुई मुख्य आवागमन का रास्ता जिसके आज तक पुनर्निर्माण या दुरुस्तीकरण न होने से ग्रामीणों में आक्रोश है। ये मंजर महज एक गाँव सुल्तानपुर घोष का ही नहीं है बल्कि अफोई में भी लोग बेहाल है। वैसे यही हाल इस बॉर्डर से लेकर जनपद के आखिरी छोर तक बसे कई गाँव का है जहाँ जल जीवन मिशन लोगों के लिए बरदान तो साबित नहीं हुआ है बल्कि लोगों के लिए अभिशाप ही बन सका है।
जनपद में योजना का टेंडर तीन कंपनियों गायत्री, पावर मेक और जीए बाबा के पास था, जिसमें से जनवरी 2021 में गायत्री कंपनी ने काम करना शुरू कर दिया था और इसी कंपनी से सबसे ज्यादा काम भी निपटाया। इसी तरह पावर मेक ने जनवरी 2022 से और जीए बाबा ने जनवरी 2023 में काम शुरू किया था। हांलाकि ये दोनों कंपनियों के काम में लापरवाही पाए जाने पर जुर्माना भी लगाया गया था। वैसे शासन के निर्देशानुसार दिसंबर 2024 तक जल जीवन मिशन का काम पूरी समाप्त किया जाना था लेकिन यहाँ हाल अभी भी बद से बदतर हैं और जिले के जिम्मेदार हमेशा तारीख पर तारीख देते आ रहे हैं।
इस विषय में अधिशाषी अभियंता, जल निगम (ग्रामीण) अनुराग गौतम ने बताया कि पाइपलाइन बिछाने के बाद पानी की टेस्टिंग यानि लीकेज आदि की जांच कराने के बाद सड़क मरम्मत की जाती है फिर भी जिस कंपनी ने वहां काम किया है उस कंपनी को जल्द ही निर्माण कराये जाने का निर्देश दिया जाएगा ताकि बारिश में सड़क चलने योग्य बन जाए और कोई जनहानि भी न सके।
अब देखना होगा कि शासन और प्रशासन जल जीवन मिशन योजना की खामियों को दुरुस्त करने हेतु क्या करते हैं और कब तक करते हैं?
