पड़ताल: राशन कार्ड की सूची में कार्डधारक की मां का नाम लिखा ‘मां’, ‘माता’ और ‘अम्मा’

– लगातार आधार सीडिंग और केवाईसी के बाद भी हैं गंभीर खामियां

फतेहपुर। जिस प्रकार बिहार में चुनाव आयोग के एस आई आर सर्वेक्षण को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं, ठीक उसी तरह उत्तर प्रदेश में राशन कार्ड से जुड़ी आधार कार्ड सीडिंग और केवाईसी प्रक्रिया के बाद भी राशनकार्ड पात्रता सूचि पर भी संदेह के बादल मंडराने लगे हैं। फतेहपुर जनपद के विभिन्न ब्लॉकों में बने राशन कार्ड की पात्रता सूची के ऑनलाइन अवलोकन में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।सूत्रों के अनुसार, कई पात्रता सूचियों में राशन कार्ड धारकों की माता का नाम “मां” कहीं “माता” तो कहीं “अम्मा” के रूप में दर्ज किया गया है। यह अंतर न केवल सरकारी रिकॉर्ड की सटीकता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आधार सीडिंग और केवाईसी के दौरान डेटा एंट्री में भारी लापरवाही बरती गई है।स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब सरकारी योजनाओं में आधार और केवाईसी को पारदर्शिता का आधार बताया जाता है, तो इस तरह की त्रुटियां साफ इशारा करती हैं कि या तो जमीनी स्तर पर काम कर रहे कर्मियों ने पर्याप्त जांच नहीं की, या फिर तकनीकी खामियों को नजरअंदाज किया गया। राशन कार्ड से जुड़ी यह गड़बड़ी सिर्फ नामों की वर्तनी तक सीमित नहीं है। इससे यह भी आशंका है कि पात्रता सत्यापन में भी त्रुटियां हो सकती हैं, जिससे सही लाभार्थियों को योजना का लाभ मिलने में बाधा उत्पन्न हो सकती है। अब देखना यह होगा कि शासन और खाद्य एवं रसद विभाग इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच और सुधारात्मक कार्रवाई करता है या नहीं, क्योंकि यह मामला सीधे-सीधे पात्रता, पारदर्शिता और सार्वजनिक भरोसे से जुड़ा हुआ है।

क्या बोले जिम्मेदार

राशन कार्ड को लेकर हुई आधार सीडिंग एवं केवाईसी में कोई खामियां नहीं हुई है। चूंकि मामला संज्ञान में लाया गया है कि कई जगह राशन कार्ड धारक की माता के नाम में त्रुटि पाया गया है तो निश्चित तौर से ये डाटा इंट्री का एरर हो सकता है जिसको जांच करवाकर जल्द ही दुरुस्त करवाया जाएगा। – सुनील कुमार पुष्कर, जिला पूर्ति अधिकारी, फतेहपुर