– ईद मिलादुन्नबी नबी की पूर्व संध्या पर 18 लोगों ने किया रक्तदान
बिन्दकी। हजरत मोहम्मद साहब के यौमे विलादत (ईद मिलादुन्नबी) के मौके पर जमीयत उलमा हिन्द की बिन्दकी इकाई द्वारा हेरा मस्जिद में गुरुवार को एक विशेष रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नगर व आस-पास के युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और कुल 18 लोगों ने स्वेच्छा से रक्तदान कर मानवता की सेवा का संदेश दिया।
शिविर का शुभारंभ कुरआन की तिलावत से हुआ, इसके बाद संगठन के पदाधिकारियों ने पैग़म्बर-ए-इस्लाम मोहम्मद साहब की जीवन शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि मोहम्मद साहब ने हमेशा इंसानियत, भाईचारे और मददगार बनने का पैग़ाम दिया। रक्तदान उन्हीं की बताई हुई राह पर चलने का एक छोटा-सा प्रयास है।
इस अवसर पर जमीयत उलमा हिन्द के स्थानीय अध्यक्ष मौलाना अब्दुल्ला साहब ने कहा कि रक्तदान करना इंसान की सबसे बड़ी सेवा है। उन्होंने बताया कि अक्सर सड़क दुर्घटनाओं, गंभीर बीमारियों और ऑपरेशन के समय रक्त की ज़रूरत पड़ती है, ऐसे में स्वेच्छा से किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचा सकता है। शिविर में शामिल रक्तदाताओं का उत्साह देखते ही बनता था। रक्तदान करने आए युवाओं ने कहा कि उन्हें गर्व है कि मोहम्मद साहब के यौमे विलादत पर उन्हें मानवता की सेवा करने का मौका मिला रक्त तो क्या हम लोग मोहम्मद साहब के नाम पर रूपया, पैसा, घरबार यहां तक कि जान भी न्योछावर अगर करनी पड़ जाए तो भी उनके नाम पर करने के लिए हर दम खड़े रहेंगे और कभी भी पीछे नहीं हटेंगे। वहीं डॉक्टर दुर्गेश कुमार योग प्रशिक्षक ने भी स्वैच्छिक रक्तदान किया। उनके द्वारा कहा गया कि मोहम्मद साहब सारी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए, उन्होंने इंसानियत का पाठ लोगों को पढ़ाया और बिना किसी जाति, धर्म के सर्वप्रथम इंसानियत को तवज्जोह दी और हर वर्ग के लोगों की मदद बिना किसी भेद भाव के करने को लेकर यही पैगाम पूरी दुनिया को दिया। रक्तदान शिविर में नगर के कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। कार्यक्रम के समापन पर सभी रक्तदाताओं को सम्मानित किया गया और उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। साथ ही यह भी संकल्प लिया गया कि भविष्य में भी ऐसे आयोजन लगातार किए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक लोग रक्तदान के महत्व को समझ सकें और समाज में मददगार बनने की परंपरा को आगे बढ़ा सकें।
कार्यक्रम में अमन-शांति, भाईचारे और इंसानियत का पैग़ाम गूंजता रहा। जमीयत उलमा हिन्द की बिन्दकी इकाई ने कहा कि मोहम्मद साहब की सीरत से हमें यही शिक्षा मिलती है कि हम हर हाल में इंसान की भलाई और समाज की सेवा करें। इस मौके पर डॉक्टर दुर्गेश कुमार योग प्रशिक्षक, मौलाना जफर, मौलाना मुबीन, हाफिज शाहबाज, मौलाना तौफीक, मौलाना इमरान, हाफिज रईस, कफील अहमद, हाजी नईम, शादाब खान, उबैदुल्ला, सईदुल्लाह, मरदान खान, हाफिज नजीब अहमद, अमजद खान, सैफ खान, इनामुल्लाह खान, कफील अहमद, मारूफ खान आदि लोग मौजूद रहे।
